Last Updated on 07/07/2024 by Avtar Singh
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होली क्यों मनाया जाता है । होली कब है
सभी लोगों को होली के दिन का बहुत ही बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि इस दिन बच्चे हो या बड़े सभी लोग इस त्यौहार को मनाने के लिए बहुत ही इंतजार करते हैं सभी लोग मिलकर आपस में इस त्यौहार को धूमधाम से मनाते हैं.
इस दिन वह अपने आपसी दुश्मनी को भूल कर एक दूसरे को रंग लगाते हैं और डीजे की धुन पर नाचते गाते भी हैं यह त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का बहुत ही प्रचलित त्यौहार है लेकिन इस त्यौहार को अब हर धर्म के लोग एक साथ मिलकर प्रेम से मनाते हैं इस तरह से यह अब सभी धर्मों के लोगों का त्यौहार बन चुका है.
लेकिन हमारे भारत देश में हम जो भी तरह के त्यौहार मनाते हैं उसके पीछे कुछ-कुछ पौराणिक कथाएं छिपी रहती है उसमें कुछ न कुछ सीख हमें जरूर मिलती है तो आइए जानते हैं कि होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है और हम होली के त्यौहार को कैसे मना सकते हैं होली के त्यौहार को सुंदर तरीके से कैसे मनाये।
Holi in hindi
होली भारत देश में हर साल वसंत ऋतु के समय फागुन के महीने में यानी कि मार्च में मनाया जाता है यह पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है यानी कि हिंदू महीने के हिसाब से यह फागुन महीने यानी कि साल के अंतिम महीने में मनाया जाता है।
इस साल होली कब है
होली कितने मार्च की है
इस साल 2023 को होली 7 मार्च को होलिका दहन है जिसे धुलेडी भी कहते हैं इसके बाद 8 मार्च 2023 को होली का त्यौहार मनाया जाएगा तो इस साल आप बुधवार 8 मार्च 2023 को होली का त्यौहार जिसे बड़ा होली कहा जाता है मनाएंगे
होली क्यों मनाई जाती है (holika kaun thi)
होली के त्यौहार को मनाने संबंधित वैसे तो बहुत सारी पौराणिक कहानियां जुड़ी हुई है लेकिन इसमें भक्त प्रहलाद और हिरण्यकश्यप से जुड़ी कहानी बहुत ही प्रचलित है।
पुराने समय में हिरणकश्यप नाम का एक बहुत ही शक्तिशाली असुर राक्षस हुआ करता था जिसे ब्रह्मा देव से वरदान मिला था और उसने वरदान दिया था कि वह ना तो किसी अस्त्र से ना किसी शास्त्र से ना घर के बाहर ना घर के अंदर ना दिन में ना रात में ना धरती में ना आकाश में उसे कोई मार नहीं सकता ना ही कोई इंसान ना ही कोई जानवर है।
उसके पास इस तरह से वरदान होने के कारण अपने आप को भगवान समझ में लगा और अपने उस शक्ति पर घमंड करने लगा अपने राज्य के लोगों पर अत्याचार करता था और भगवान समझने के कारण कहता था कि आप लोग किसी और की पूजा ना करके मेरी पूजा करें उसके राज्य के लोग भगवान विष्णु की पूजा करते थे वह भगवान विष्णु से अपने छोटे भाई का बदला लेना चाहता था।
हिरणकश्यप का एक पुत्र था जिसका नाम था प्रहलाद लेकिन असुर का पुत्र होने के कारण भी वह अपने पिता की बात नहीं सुनकर भगवान विष्णु का हीं पूजा करता था और हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु से बहुत ही नफरत करता था
हिरणकश्यप के डर से उसके राज्य के सभी लोग हिरण्यकश्यप को ही देवता मानते थे लेकिन उसका पुत्र प्रहलाद उसके लाख समझाने के बावजूद भी भगवान विष्णु की भक्ति करता था हिरण कश्यप अपने पुत्र को बार-बार समझा था कि भगवान विष्णु की भक्ति मत करो लेकिन वह हर बार असफल होता था इसी कारण वह अपने पुत्र को कई बार मारने का प्रयास किया जैसे उसे पहाड़ से नीचे गिरा दिया फिर भी वह बच गया इस तरह से वह कई तरीकों से उसे मारने का प्रयास किया।
इसी कड़ी में उसने अपनी बहन होलिका से सहायता मांगी और होलिका को भी भगवान शिव द्वारा एक वरदान मिला था होलिका को आग में कुछ भी नहीं होगा वह आग में जल नहीं सकती तो फिर अपने पुत्र को मारने के लिए होलिका के साथ मिलकर यह षड्यंत्र रचा और उसने कहा कि तुम प्रहलाद को लेकर अपने गोद में बैठ जाओ जिसे तुम नहीं जलोगी और प्रहलाद पूरी तरह से जल जाएगा
लेकिन होलिका ने अपने इस वरदान का उपयोग अधर्म के लिए किया इसलिए होलिका पूरी तरह से जल गई और प्रहलाद आग से कुछ नहीं हुआ इस तरह से प्रहलाद बच गया।
हिंदू धर्म के लोग इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मानते हैं तब से उस दिन से होली का त्यौहार मनाने की शुरुआत हो गया और इस त्यौहार के दिन खुशियां मनाने के लिए रंगों का उपयोग करने लगे रंगों से खेलते थे
इस त्यौहार के एक दिन पहले होलिका का दहन किया जाता है जिसमें लकड़ी घास और कुछ चीजों को जलाया जाता है इंसान इसके साथ अपने बुराई को भी जलाने का वचन लेता है और अगले दिन से अपने नए जीवन की शुरुआत करता है इस तरह से होली का त्यौहार मनाने की शुरुआत हुई और होली के त्यौहार को मनाया जाता है।
होली कैसे मनाये
पहले के समय में जब होली मनाते थे तो सभी रंगों को प्राकृतिक चीजों से बनाया जाता था इसे गुलाल कहा जाता था जिसका हमारे शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता था लेकिन आज के समय में सभी रंगों को केमिकल मिलाकर बनाया जाता है जो कि हमारी सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक होते हैं
यह ओरिजिनल कलर नहीं होता है कितने प्रकार के रसायनों को मिलाकर बनाया जाता है इसलिए आप जब भी होली मनाते हैं ओरिजिनल रंगों का प्रयोग करें इन खराब रंगों के कारण कई लोगों को त्वचा संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इस वजह से कई लोगों ने होली खेलना ही छोड़ दिया है
♦ इस दिन ओरिजिनल रंगों का इस्तेमाल करें
♦ होली के रंगों से अपनी त्वचा को और अपने बालों को बचा कर रखें
♦ केमिकल रंगों से बचकर रहें होली से अपने आंखों को जरूर सुरक्षित रखें
♦ जिस व्यक्ति को सास संबंधित बीमारी हो ऐसा प्रयास करें कि सांसो के द्वारा रंग अंदर ना जाए।
♦ अपने बालों को होली से बचाने के लिए टोपी का इस्तेमाल कर सकते हैं
♦ अगर रंग खेलने के बाद आपको कोई परेशानी आती है तो तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल पर जाकर इलाज करवाना चाहिए
♦ होली खेलने के तुरंत बाद रंगों को छुड़ाये। अगर रंग अधिक देर तक शरीर पर रहता है तो कुछ केमिकल इफेक्ट होने से पहले ही उसे धो लें
किस तरह की होली नहीं खेलना चाहिए
♦ हमें रंगों को किसी के आंखों पर किसी के बालों पर नहीं मलना चाहिए
♦ होली के रंग को देखकर प्रयोग करना चाहिए कि किसी के मुंह कान में ना चला जाए
♦ केमिकल से बने हुए रंगों का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए सस्ते रंगों से और चाइनीस के बने रंगों से शरीर में कुछ त्वचा संबंधी परेशानियां आ सकती है इसलिए इनसे दूर रहें
♦ होली के दिन कीचड़ का भी प्रयोग करते हैं इस तरह की होली बिल्कुल भी ना खेलें
♦ होली में पानी का इस्तेमाल करें लेकिन इतना ज्यादा भी पानी व्यर्थ में ना फेंके
होली क्यों मनाया जाता है होली कैसे मनाए
उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी और आपके यह सवाल की होली कैसे मनाएं होली क्यों मनाया जाता है इससे जुड़ी हुई जानकारी आपको पसंद आई होगी आप जब भी होली मनाते हैं अपने और अपने दोस्तों का रसायनिक रंगो से ख्याल रखें और safe होली खेले केमिकल रंगों का बिल्कुल भी प्रयोग ना करें
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